| अदभ्र विभ्र मद्भुञ्ज गमश्व सद्विनिर्मक्रम स्फुरत्कराल फालहव्य वाड्ज्वलते नमः | அத³ப்⁴ர விப்⁴ர மத்³பு⁴ஞ்ஜ க³மஶ்வ ஸத்³வினிர்மக்ரம ஸ்பு²ரத் கரால பா²ல ஹவ்ய வாட்³ ஜ்வலதே நம: |
| अदृश्याय | அத்³ருʼஶ்யாய |
| अधर्षणाय | அத⁴ர்ஷணாய |
| अथर्वशीर्ष्णे | அத²ர்வஶீர்ஷ்ணே |
| अधिरोहाय | அதி⁴ரோஹாய |
| अध्यात्मयोग निलयाय | அத்⁴யாத்மயோக³ நிலயாய |
| अधिष्ठानाय | அதி⁴ஷ்டா²னாய |
| अधर्मशत्रवे | அத⁴ர்ம ஶத்ரவே |
| अधराय | அத⁴ராய |
| अधोक्षजाय | அதோ⁴க்ஷஜாய |
| अधृताय | அத்⁴ருʼதாய |
| अध्वरराजाय | அத்⁴வரராஜாய |
| अध्यात्मानुगताय | அத்⁴யாத்மானுக³தாய |
| अथर्वलिङ्गाय | அத²ர்வலிங்கா³ய |
| अधर्मशत्रुरूपाय | அத⁴ர்ம ஶத்ரு ரூபாய |
| अथर्व ऋग्यजुःसाम तुरङ्गाय | அத²ர்வ ருʼக்³யஜு:ஸாம துரங்கா³ய |
| अधिशाय | அதி⁴ஶாய |
| अथर्वण वेदमन्त्रजनकदक्षिणवदनाय | அத²ர்வண வேத³மந்த்ர ஜனக த³க்ஷிண வத³னாய |
| अध्येत्रे | அத்⁴யேத்ரே |
| अध्यापकाय नमः -१६० | அத்⁴யாபகாய நம: -160 |
| अधोक्षजात्मने | அதோ⁴க்ஷஜாத்மனே |
| अध्यात्मप्रीतमानसाय | அத்⁴யாத்ம ப்ரீத மானஸாய |
| अध्वर भागफलप्रदाय | அத்⁴வர பா⁴க³ ப²லப்ரதா³ய |
| अधर्म मार्गनाशनाय | அத⁴ர்ம மார்க³ நாஶனாய |
| अथर्वाय | அத²ர்வாய |
| अनेकात्मने | அனேகாத்மனே |
| अनीहाय | அனீஹாய |
| अनौषधाय | அனௌஷதா⁴ய |
| अनलाय | அனலாய |
| अनुकारिणे | அனுகாரிணே |
| अनिन्दिताय | அனிந்தி³தாய |
| अनिलाय | அனிலாய |
| अनन्त रूपाय | அனந்த ரூபாய |
| अनीश्वराय | அனீஶ்வராய |
| अनघाय | அனகா⁴ய |
| अनन्ताय | அனந்தாய |
| अनादि मध्यनिधनाय | அனாதி³ மத்⁴ய நித⁴னாய |
| अनन्त दृष्टये | அனந்த த்³ருʼஷ்டயே |
| अनिदेश्यवपुषे | அனிதே³ஶ்ய வபுஷே |
| अनिवारिताय नमः – १८० | அனிவாரிதாய நம: – 180 |
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