| परस्मै ज्योतिषे नम: | பரஸ்மை ஜ்யோதிஷே நம: |
| पुराणाय | புராணாய |
| परमेश्वराय | பரமேஶ்வராய |
| प्रपञ्चोपशमाय | ப்ரபஞ்சோபஶமாய |
| प्राज्ञाय | ப்ராஜ்ஞாய |
| पुण्यकीर्त्तये | புண்ய கீர்த்தயே |
| पुरातनाय | புராதனாய |
| सर्वाधिष्ठानसन्मात्राय | ஸர்வாதி⁴ஷ்டா²ன ஸன்மாத்ராய |
| स्वात्मबन्धहराय | ஸ்வாத்ம ப³ந்த⁴ ஹராய |
| हराय | ஹராய |
| सर्वप्रेमनिजाहासाय | ஸர்வப்ரேம நிஜாஹாஸாய |
| सर्वानुग्रहक्रुते | ஸர்வானுக்³ரஹ க்ருதே |
| शिवाय | ஶிவாய |
| सर्वेन्द्रियगुणाभासाय | ஸர்வேந்த்³ரிய கு³ணாபா⁴ஸாய |
| सर्वभूतगुणाश्रयाय | ஸர்வபூ⁴த கு³ணாஶ்ரயாய |
| सच्चिदानन्दपूर्णात्मने | ஸச்சிதா³னந்த³ பூர்ணாத்மனே |
| स्वेमहिम्ने प्रतिष्ठिताय | ஸ்வேமஹிம்னே ப்ரதிஷ்டி²தாய |
| सर्वभूतान्तराय | ஸர்வ பூ⁴தாந்தராய |
| साक्षिणे | ஸாக்ஷிணே |
| सर्वज्ञाय नम: १०० | ஸர்வஜ்ஞாய நம: 100 |
| सर्वकामदाय नम: | ஸர்வ காமதா³ய நம: |
| सनकादिमहायोगी समाराधितपादुकाय | ஸனகாதி³ மஹாயோகீ³ ஸமாராதி⁴த பாது³காய |
| आदिदेवाय | ஆதி³தே³வாய |
| दयासिन्धवे | த³யா ஸிந்த⁴வே |
| शिक्षितासुरविग्रहाय | ஶிக்ஷிதாஸுர விக்³ரஹாய |
| यक्षकिन्नरगन्धर्वस्तूयमानात्मवैभवाय | யக்ஷகின்னர க³ந்த⁴ர்வ ஸ்தூயமானாத்ம வைப⁴வாய |
| प्रह्मादिदेवविनुताय | ப்ரஹ்மாதி³தே³வ வினுதாய |
| योगमायानियोजकाय | யோக³மாயா நியோஜகாய |
| शिवयोगिने | ஶிவயோகி³னே |
| शिवानन्दाय | ஶிவானந்தா³ய |
| शिवभक्तसमुद्धराय | ஶிவ ப⁴க்த ஸமுத்³த⁴ராய |
| वेदान्तसारसन्दोहाय | வேதா³ந்த ஸார ஸந்தோ³ஹாய |
| सर्वसत्वावलम्बनाय | ஸர்வ ஸத்வாவலம்ப³னாய |
| वटमूलाश्रयाय | வட மூலாஶ்ரயாய |
| वाग्मिने | வாக்³மினே |
| मान्याय | மான்யாய |
| मलयजप्रियाय | மலயஜ ப்ரியாய |
| सुशीलाय | ஸுஶீலாய |
| वाञ्छितार्थज्ञाय | வாஞ்சி²தார்த²ஜ்ஞாய |
| प्रसन्नवदनेक्षणाय नम: १२० | ப்ரஸன்ன வத³னேக்ஷணாய நம: 120 |
Tuesday, January 6, 2015
ஸ்ரீ தக்ஷிணா மூர்த்தி ஸஹஸ்ர நாமாவளி - 0081_0120
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