| गुणग्राहिणे नम: | கு³ணக்³ராஹிணே நம: |
| निष्कलङ्काय | நிஷ்கலங்காய |
| कलङ्कघ्ने | கலங்கக்⁴னே |
| पुरुषाय | புருஷாய |
| शाश्वताय | ஶாஶ்வதாய |
| योगिने | யோகி³னே |
| व्यक्ताव्यक्ताय | வ்யக்தாவ்யக்தாய |
| सनातनाय | ஸனாதனாய |
| चराचरात्मने | சராசராத்மனே |
| सूक्ष्मात्मने | ஸூக்ஷ்மாத்மனே |
| विश्वकर्मने | விஶ்வகர்மனே |
| तमोपहृते | தமோபஹ்ருʼதே |
| भुजङ्गभूषणाय | பு⁴ஜங்க³பூ⁴ஷணாய |
| भर्गाय | ப⁴ர்கா³ய |
| तरुणाय | தருணாய |
| करुणालयाय | கருணாலயாய |
| अणिमादिगुणोपेताय | அணிமாதி³ கு³ணோபேதாய |
| लोकवश्यविधायकाय | லோகவஶ்ய விதா⁴யகாய |
| योगपट्टधराय | யோக³பட்டத⁴ராய |
| मुक्ताय नम: २६० | முக்தாய நம: 260 |
| मुक्तानाम् परमायै गतये नम: | முக்தானாம் பரமாயை க³தயே நம: |
| कुरुरूपधराय | குருரூபத⁴ராய |
| श्रीमत्परमानन्दसागराय | ஶ்ரீமத்பரமானந்த³ ஸாக³ராய |
| सहस्रबाहवे | ஸஹஸ்ரபா³ஹவே |
| सर्वेशाय | ஸர்வேஶாய |
| सहस्राबयवान्विताय | ஸஹஸ்ராப³யவான் விதாய |
| सहस्रमूर्ध्ने | ஸஹஸ்ர மூர்த்⁴னே |
| सर्वात्मने | ஸர்வாத்மனே |
| सहस्राक्षाय | ஸஹஸ்ராக்ஷாய |
| सहस्रपदे | ஸஹஸ்ரபதே³ |
| निराभासाय | நிராபா⁴ஸாய |
| सूक्ष्मतनवे | ஸூக்ஷ்மதனவே |
| ह्रुदि ज्ञाताय | ஹ்ருதி³ ஜ்ஞாதாய |
| परात्पराय | பராத்பராய |
| सर्वात्मगाय | ஸர்வாத்மகா³ய |
| सर्वसाक्षिणे | ஸர்வ ஸாக்ஷிணே |
| नि:सङ्गाय | நி:ஸங்கா³ய |
| निरुपद्रवाय | நிருபத்³ரவாய |
| निष्कलाय | நிஷ்கலாய |
| सकलाध्यक्षाय नम: २८० | ஸகலாத்⁴யக்ஷாய நம: 280 |
Monday, January 12, 2015
ஸ்ரீ தக்ஷிணா மூர்த்தி ஸஹஸ்ர நாமாவளி - 0241_0280
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