| यज्ञपुरुषाय नम: | யஜ்ஞ புருஷாய நம: |
| सृष्टिस्थित्यन्तकारणाय | ஸ்ருʼஷ்டி ஸ்தி²த்யந்த காரணாய |
| परहम्सैकजिज्ञास्याय | பரஹம்ஸைக ஜிஜ்ஞாஸ்யாய |
| स्वप्रकाशस्वरूपवते | ஸ்வப்ரகாஶ ஸ்வரூபவதே |
| मुनिमृग्याय | முனி ம்ருʼக்³யாய |
| देवमृग्याय | தே³வ ம்ருʼக்³யாய |
| मृगहस्ताय | ம்ருʼக³ ஹஸ்தாய |
| मृगेश्वराय | ம்ருʼகே³ஶ்வராய |
| मृगेन्द्रचर्मवसनाय | ம்ருʼகே³ந்த்³ர சர்ம வஸனாய |
| नरसिम्हनिपातनाय | நரஸிம்ஹனிபாதனாய |
| मुनिवन्द्याय | முனிவந்த்³யாய |
| मुनिश्रेष्ठाय | முனிஶ்ரேஷ்டா²ய |
| मुनिबृन्दनिषेविताय | முனிப்³ருʼந்த³ நிஷேவிதாய |
| तुष्टमृत्यवे | துஷ்ட ம்ருʼத்யவே |
| अदुष्टेहाय | அது³ஷ்டேஹாய |
| मृत्युघ्ने | ம்ருʼத்யுக்⁴னே |
| मृत्युपूजिताय | ம்ருʼத்யு பூஜிதாய |
| अव्यक्ताय | அவ்யக்தாய |
| अम्पुजजन्मादिकोटिकोटिसुपूजिताय | அம்புஜ ஜன்மாதி³ கோடி கோடி ஸுபூஜிதாய |
| लिङ्गमूर्त्तये नम: ६२० | லிங்க³மூர்த்தயே நம: 620 |
| अलिङ्गात्मने नम: | அலிங்கா³த்மனே நம: |
| लिङ्गात्मने | லிங்கா³த்மனே |
| लिङ्गविग्रहाय | லிங்க³விக்³ரஹாய |
| यजुर्मूर्तये | யஜுர்மூர்தயே |
| साममूर्तये | ஸாமமூர்தயே |
| ऋङ्मूर्तये | ருʼங்மூர்தயே |
| मूर्त्तिवर्जिताय | மூர்த்தி வர்ஜிதாய |
| विश्वेशाय | விஶ்வேஶாய |
| गजचर्मैकचेलाञ्चितकटीतटाय | க³ஜ சர்மைகசேலாஞ்சித கடீதடாய |
| पावनान्तेवसद्योगिजनसार्थसुधाकराय | பாவனாந்தேவ ஸத்³யோகி³ஜன ஸார்த² ஸுதா⁴ கராய |
| अनन्तसोमसूर्याघ्निमण्डलप्रतिमप्रभाय | அனந்த ஸோம ஸூர்யாக்⁴னி மண்ட³ல ப்ரதிம ப்ரபா⁴ய |
| चिन्ताशोकप्रशमनाय | சிந்தாஶோக ப்ரஶமனாய |
| सर्वविध्याविशारदाय | ஸர்வவித்⁴யாவிஶாரதா³ய |
| भक्तविज्ञप्तिसंधात्रे | ப⁴க்த விஜ்ஞப்தி ஸந்தா⁴த்ரே |
| कर्त्रे | கர்த்ரே |
| गिरिवराकृतये | கி³ரிவரா க்ருʼதயே |
| ज्ञानप्रदाय | ஜ்ஞானப்ரதா³ய |
| मनोवासाय | மனோவாஸாய |
| क्षेम्याय | க்ஷேம்யாய |
| मोहविनाशनाय नम: ६४० | மோஹ வினாஶனாய நம: 640 |
Monday, January 26, 2015
ஸ்ரீ தக்ஷிணா மூர்த்தி ஸஹஸ்ர நாமாவளி - 0601_0640
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