| श्रीधराय नम : | ஶ்ரீத⁴ராய நம : |
| सर्वसिद्धेशाय | ஸர்வஸித்³தே⁴ஶாய |
| विश्वनाथाय | விஶ்வநாதா²ய |
| दयानिधये | த³யாநித⁴யே |
| अन्तर्मुखाय | அந்தர்முகா²ய |
| बहिर्दृष्टये | ப³ஹிர்த்³ருʼஷ்டயே |
| सिद्धवेषमनोहराय | ஸித்³த⁴வேஷமனோஹராய |
| कृत्तिवाससे | க்ருʼத்திவாஸஸே |
| कृपासिन्धवे | க்ருʼபாஸிந்த⁴வே |
| मन्द्रसिद्धाय | மந்த்³ரஸித்³தா⁴ய |
| मतिप्रदाय | மதிப்ரதா³ய |
| महोत्क्रुष्टाय | மஹோத்க்ருஷ்டாய |
| पुण्यकराय | புண்யகராய |
| जगत्साक्षिणे | ஜக³த்ஸாக்ஷிணே |
| सदाशिवाय | ஸதா³ஶிவாய |
| महाक्रतवे | மஹாக்ரதவே |
| महायज्वने | மஹாயஜ்வனே |
| विश्वकर्मणे | விஶ்வகர்மணே |
| तपोनिधये | தபோநித⁴யே |
| छन्दोमयाय नम: ५४० | ச²ந்தோ³மயாய நம: 540 |
| महाज्ञानिने नम: | மஹாஜ்ஞானினே நம: |
| सर्वज्ञाय | ஸர்வஜ்ஞாய |
| देववन्दिताय | தே³வவந்தி³தாய |
| सार्वभौमाय | ஸார்வபௌ⁴மாய |
| सदानन्दाय | ஸதா³னந்தா³ய |
| करुणामृतवारिधये | கருணாம்ருʼதவாரித⁴யே |
| कालकालाय | காலகாலாய |
| कलिध्वम्सिने | கலித்⁴வம்ஸினே |
| जरामरणनाशकाय | ஜராமரணநாஶகாய |
| शितिकण्ठाय | ஶிதிகண்டா²ய |
| चिदानन्दाय | சிதா³னந்தா³ய |
| योगिनीगणसेविताय | யோகி³னீக³ணஸேவிதாய |
| चण्डीशाय | சண்டீ³ஶாய |
| शुकसम्वेद्याय | ஶுகஸம்வேத்³யாய |
| पुण्यश्लोकाय | புண்யஶ்லோகாய |
| दिवस्पतये | தி³வஸ்பதயே |
| स्थायिने | ஸ்தா²யினே |
| सकलतत्वात्मने | ஸகலதத்வாத்மனே |
| सदासेवकवर्धनाय | ஸதா³ஸேவகவர்த⁴னாய |
| रोहिताश्वाय नम: ५६० | ரோஹிதாஶ்வாய நம: 560 |
Thursday, January 22, 2015
ஸ்ரீ தக்ஷிணா மூர்த்தி ஸஹஸ்ர நாமாவளி - 0521_0560
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