अकुब्जाय नम: | அகுப்³ஜாய நம: |
धार्मिकाय | தா⁴ர்மிகாய |
भक्तवत्सलाय | ப⁴க்தவத்ஸலாய |
अप्यासातिशयज्ञेयाय | அப்யாஸாதிஶயஜ்ஞேயாய |
चन्द्रमौलये | சந்த்³ரமௌலயே |
कलाधराय | கலாத⁴ராய |
महाबलाय | மஹாப³லாய |
महावीर्याय | மஹாவீர்யாய |
विभवे | விப⁴வே |
श्रीशाय | ஶ்ரீஶாய |
शुभप्रदाय | ஶுப⁴ப்ரதா³ய |
सिद्धाय | ஸித்³தா⁴ய |
पुराणपुरुषाय | புராணபுருஷாய |
रणमण्डलभैरवाय | ரணமண்ட³லபை⁴ரவாய |
सद्योजाताय | ஸத்³யோஜாதாய |
वटारण्यवासिने | வடாரண்யவாஸினே |
पुरुषवल्लभाय | புருஷவல்லபா⁴ய |
हरिकेशाय | ஹரிகேஶாய |
महात्रात्रे | மஹாத்ராத்ரே |
नीलग्रीवाय नम: ५०० | நீலக்³ரீவாய நம: 500 |
सुमङ्गलाय नम: | ஸுமங்க³லாய நம: |
हिरण्यबाहवे | ஹிரண்யபா³ஹவே |
तीक्ष्णाम्शवे | தீக்ஷ்ணாம்ஶவே |
कामेशाय | காமேஶாய |
सोमविग्रहाय | ஸோமவிக்³ரஹாய |
सर्वात्मने | ஸர்வாத்மனே |
सर्वकर्त्रे | ஸர்வகர்த்ரே |
ताण्डवाय | தாண்ட³வாய |
मुण्डमालिकाय | முண்ட³மாலிகாய |
अग्रगण्याय | அக்³ரக³ண்யாய |
सुगंभीराय | ஸுக³ம்பீ⁴ராய |
देशिकाय | தே³ஶிகாய |
वैदिकोत्तमाय | வைதி³கோத்தமாய |
प्रसन्नदेवाय | ப்ரஸன்னதே³வாய |
वागीशाय | வாகீ³ஶாய |
चिन्तातिमिरभास्कराय | சிந்தாதிமிரபா⁴ஸ்கராய |
गौरीपतये | கௌ³ரீபதயே |
तुङ्गमौलये | துங்க³மௌலயே |
मखराजाय | மக²ராஜாய |
महाकवये नम: ५२० | மஹாகவயே நம: 520 |
Wednesday, January 21, 2015
ஸ்ரீ தக்ஷிணா மூர்த்தி ஸஹஸ்ர நாமாவளி - 0481_0520
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment