पिशिताय नमः | பிஶிதாய நம: |
पिशङ्गाय | பிஶங்கா³ய |
पिशिताशाय | பிஶிதாஶாய |
पिशाचानुचरावृताय | பிஶாசானுசராவ்ருʼதாய |
पश्यल्ललाटाय | பஶ்யல்லலாடாய |
पशुपाशविमोचनाय | பஶுபாஶவிமோசனாய |
पश्यतोहराय | பஶ்யதோஹராய |
पशुपालकाय | பஶுபாலகாய |
प्रशान्ताय | ப்ரஶாந்தாய |
प्रशंस्याय | ப்ரஶம்ʼஸ்யாய |
प्रशंस्यनीयाय | ப்ரஶம்ʼஸ்யனீயாய |
प्रशंसाविषयाय | ப்ரஶம்ʼஸாவிஷயாய |
प्रशंसापात्राय | ப்ரஶம்ʼஸாபாத்ராய |
प्रशस्तगुणसिन्धवे | ப்ரஶஸ்த கு³ண ஸிந்த⁴வே |
प्रशस्तयशसे | ப்ரஶஸ்த யஶஸே |
प्रशान्तमूर्तये | ப்ரஶாந்த மூர்தயே |
प्रशासितभुवनाय | ப்ரஶாஸித பு⁴வனாய |
प्रशासितकन्दर्पाय | ப்ரஶாஸித கந்த³ர்பாய |
प्रशान्तमुनिगणस्तुताय | ப்ரஶாந்த முனி க³ண ஸ்துதாய |
प्रश्नाय नमः -४२२० | ப்ரஶ்னாய நம: -4220 |
पृश्निगर्भाय नमः | ப்ருʼஶ்னி க³ர்பா⁴ய நம: |
प्रश्रिताय | ப்ரஶ்ரிதாய |
प्रश्रितप्रियाय | ப்ரஶ்ரித ப்ரியாய |
प्रश्रितजनरक्षकाय | ப்ரஶ்ரித ஜனரக்ஷகாய |
प्रश्रिताभीष्टकराय | ப்ரஶ்ரிதாபீ⁴ஷ்ட கராய |
प्रशितिमोचकाय | ப்ரஶிதி மோசகாய |
प्रशितिहराय | ப்ரஶிதி ஹராய |
प्रशितिकराय | ப்ரஶிதி கராய |
प्रशितिनिवारकाय | ப்ரஶிதி நிவாரகாய |
पाशलीलारताय | பாஶ லீலா ரதாய |
पाशहस्ताय | பாஶ ஹஸ்தாய |
पाशायुधनिषेविताय | பாஶாயுத⁴ நிஷேவிதாய |
पाशकप्रियाय | பாஶக ப்ரியாய |
पाशिने | பாஶினே |
प्रांशुबाहवे | ப்ராம்ʼஶு பா³ஹவே |
प्रांशुमूर्तये | ப்ராம்ʼஶு மூர்தயே |
प्राशितगरलाय | ப்ராஶித க³ரலாய |
प्राशितभुवनाय | ப்ராஶித பு⁴வனாய |
पाशकविहारनिरताय | பாஶக விஹாரனிரதாய |
प्राशितश्रवणप्रियाय नमः – ४२४० | ப்ராஶித ஶ்ரவண ப்ரியாய நம: – 4240 |
Wednesday, May 14, 2014
ஶிவம் 4201_4240
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