| प्रस्तरशय्याशायिने | ப்ரஸ்தரஶய்யாஶாயினே |
| प्रस्तरहारालङ्कृताय | ப்ரஸ்தரஹாராலங்க்ருʼதாய |
| प्रस्तरासीनाय | ப்ரஸ்தராஸீனாய |
| प्रस्तारकृते | ப்ரஸ்தாரக்ருʼதே |
| प्रस्तार प्रवर्तकाय | ப்ரஸ்தார ப்ரவர்தகாய |
| प्रसारशीलाय | ப்ரஸாரஶீலாய |
| प्रसारिणे | ப்ரஸாரிணே |
| प्रसारिमण्डलस्थाय | ப்ரஸாரி மண்ட³லஸ்தா²ய |
| प्रस्तुताङ्कुराय | ப்ரஸ்துதாங்குராய |
| प्रसवजनकाय | ப்ரஸவ ஜனகாய |
| प्रसवभूषिताय | ப்ரஸவ பூ⁴ஷிதாய |
| प्रसेवकाय | ப்ரஸேவகாய |
| प्रसूरूपाय | ப்ரஸூ ரூபாய |
| प्रास्ताविक स्तुतिस्तुताय | ப்ராஸ்தாவிக ஸ்துதிஸ்துதாய |
| प्रासादवासनिरताय | ப்ராஸாத³வாஸ நிரதாய |
| प्रासाद्यायुधमण्डिताय | ப்ராஸாத்³யாயுத⁴மண்டி³தாய |
| प्रास्तरिपुमण्डलाय | ப்ராஸ்தரிபுமண்ட³லாய |
| पांसुचन्दनाय | பாம்ʼஸுசந்த³னாய |
| पांसुदिग्धाय | பாம்ʼஸுதி³க்³தா⁴ய |
| पांसुचन्दनभूषिताय नमः – ४४२० | பாம்ʼஸு சந்த³ன பூ⁴ஷிதாய நம: – 4420 |
| प्रासङ्ग्याय नमः | ப்ராஸங்க்³யாய நம: |
| पांसुचामरलिप्ताङ्गाय | பாம்ʼஸுசாமர லிப்தாங்கா³ய |
| पांसुचामरप्रियाय | பாம்ʼஸுசாமர ப்ரியாய |
| पांसुचामराय | பாம்ʼஸு சாமராய |
| पांसुलाय | பாம்ʼஸுலாய |
| पांसुलामदभञ्जनाय | பாம்ʼஸுலாமத³ ப⁴ஞ்ஜனாய |
| पांसुलायुधाय | பாம்ʼஸுலாயுதா⁴ய |
| पांसुलावरदाय | பாம்ʼஸுலா வரதா³ய |
| पांसुलाभारहराय | பாம்ʼஸுலாபா⁴ரஹராய |
| पांसुलाचार निर्धारकाय | பாம்ʼஸுலாசார நிர்தா⁴ரகாய |
| पांसुलागमहेतुवदनाय | பாம்ʼஸுலாக³ம ஹேது வத³னாய |
| पांसुधूसराय | பாம்ʼஸு தூ⁴ஸராய |
| पांसुकासीनप्रियाय | பாம்ʼஸுகாஸீனப்ரியாய |
| पुस्तकालंकृतशोभाय | புஸ்தகாலங்க்ருʼத ஶோபா⁴ய |
| पुस्तकाभयवरद हस्ताय | புஸ்தகாப⁴ய வரத³ ஹஸ்தாய |
| पुम्सवनप्रियाय | பும்ஸவனப்ரியாய |
| पुंस्कोकिलकूजितलोलुपाय | பும்ʼஸ்கோகில கூஜித லோலுபாய |
| पुंसांमोहनरूपाय | பும்ʼஸாம்ʼ மோஹன ரூபாய |
| पौंस्नसमर्चिताय | பௌம்'ஸ்னஸமர்சிதாய |
| पौंस्नसरूपाय नमः – ४४४० | பௌம்'ஸ்னரூபாய நம: – 4440 |
Thursday, May 22, 2014
ஶிவம் 4401_4440
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