| पौंस्नाभीष्ट दायिने नमः | பௌம்'ஸ்னாபீ⁴ஷ்ட தா³யினே நம: |
| पांसव्याय | பாம்ʼஸவ்யாய |
| प्रसन्नवदनाय | ப்ரஸன்ன வத³னாய |
| प्रसन्नाननाय | ப்ரஸன்னானனாய |
| प्रसन्नास्याय | ப்ரஸன்னாஸ்யாய |
| प्रसादाभिमुखाय | ப்ரஸாதா³பி⁴முகா²ய |
| प्रसादाय | ப்ரஸாதா³ய |
| प्रसन्नात्मने | ப்ரஸன்னாத்மனே |
| प्रसन्नाय | ப்ரஸன்னாய |
| प्रसिद्धाय | ப்ரஸித்³தா⁴ய |
| प्रसन्नचित्ताय | ப்ரஸன்னசித்தாய |
| प्रसवाय | ப்ரஸவாய |
| प्रसृताय | ப்ரஸ்ருʼதாய |
| प्रस्थिताय | ப்ரஸ்தி²தாய |
| पुंसे | பும்ʼஸே |
| प्रस्कन्दनाय | ப்ரஸ்கந்த³னாய |
| प्रहराणां वज्राय | ப்ரஹராணாம்ʼ வஜ்ராய |
| प्रहतप्राशिताय | ப்ரஹதப்ராஶிதாய |
| प्रहिताय | ப்ரஹிதாய |
| प्रहृष्टाय नमः – ४४६० | ப்ரஹ்ருʼஷ்டாய நம: – 4460 |
| प्रहृष्टकगणसेविताय नमः | ப்ரஹ்ருʼஷ்டக க³ண ஸேவிதாய நம: |
| प्रहेलिकाविदग्धाय | ப்ரஹேலிகாவித³க்³தா⁴ய |
| प्रहतवैरिणे | ப்ரஹதவைரிணே |
| प्रहृतरिपुमण्डलाय | ப்ரஹ்ருʼத ரிபு மண்ட³லாய |
| प्रहर्षकाय | ப்ரஹர்ஷகாய |
| प्रहरणभूषणाय | ப்ரஹரணபூ⁴ஷணாய |
| प्रहरणरूपिणे | ப்ரஹரணரூபிணே |
| प्रहरणदेवतास्तुताय | ப்ரஹரணதே³வதாஸ்துதாய |
| प्रहर्त्रे | ப்ரஹர்த்ரே |
| प्रहन्त्रे | ப்ரஹந்த்ரே |
| प्रहेतिवन्द्याय | ப்ரஹேதிவந்த்³யாய |
| प्रलयानलकृते | ப்ரலயானலக்ருʼதே |
| प्रलयानलनाशकाय | ப்ரலயானல நாஶகாய |
| प्रलयार्णव संस्थाय | ப்ரலயார்ணவ ஸம்ʼஸ்தா²ய |
| प्रलयोत्पत्तिहेतवे | ப்ரலயோத்பத்திஹேதவே |
| प्रलयदग्धसुरासुरमानवाय | ப்ரலயத³க்³த⁴ஸுராஸுரமானவாய |
| पक्षिणीचन्द्रिकाभाय | பக்ஷிணீசந்த்³ரிகாபா⁴ய |
| पक्षीन्द्रवाहनेड्याय | பக்ஷீந்த்³ரவாஹனேட்³யாய |
| पक्षीशाय | பக்ஷீஶாய |
| पक्षीश्वरपूजिताय नमः – ४४८० | பக்ஷீஶ்வரபூஜிதாய நம: – 4480 |
Tuesday, May 27, 2014
ஶிவம் 4441_4480
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment