| चारवे नमः | சாரவே நம: |
| चिरन्तनाय | சிரந்தனாய |
| चलाय | சலாய |
| चक्षुष्याय | சக்ஷுஷ்யாய |
| चक्षुःश्रवःकल्पितकण्ठभूषणाय नमः – २१२४ | சக்ஷு:ஶ்ரவ:கல்பிதகண்ட²பூ⁴ஷணாய நம: – 2124 |
| छकारस्य भत्रकाली देवता | ब्रह्मरक्षोहनने विनियोगः | ச²காரஸ்ய ப⁴த்ரகாலீ தே³வதா | ப்³ரஹ்மரக்ஷோஹனனே வினியோக³: |
| छत्राय नमः | ச²த்ராய நம: |
| छत्रिणे | ச²த்ரிணே |
| छत्रप्रियाय | ச²த்ரப்ரியாய |
| छत्रधारिणे | ச²த்ரதா⁴ரிணே |
| छत्रदाय | ச²த்ரதா³ய |
| छात्राय | சா²த்ராய |
| छात्रपालकाय | சா²த்ரபாலகாய |
| छन्दःसाराय | ச²ந்த³:ஸாராய |
| छन्दसां पतये | ச²ந்த³ஸாம்ʼ பதயே |
| छन्द:शास्त्रविशारदाय | ச²ந்த³:ஶாஸ்த்ரவிஶாரதா³ய |
| छन्दाय | ச²ந்தா³ய |
| छन्दोरूपाय | ச²ந்தோ³ரூபாய |
| छन्दोव्याकरणोत्तराय | ச²ந்தோ³வ்யாகரணோத்தராய |
| छन्दोमयाय | ச²ந்தோ³மயாய |
| छन्दोभेदाय नमः - २१४० | ச²ந்தோ³பே⁴தா³ய நம: - 2140 |
| छान्दोग्याय नमः | சா²ந்தோ³க்³யாய நம: |
| छान्दोग्यस्तुताय | சா²ந்தோ³க்³யஸ்துதாய |
| छन्दोगाय | ச²ந்தோ³கா³ய |
| छद्मचारिने | ச²த்³மசாரினே |
| छद्मरहस्यविदे | ச²த்³மரஹஸ்யவிதே³ |
| छेदकृते | சே²த³க்ருʼதே |
| छन्नवीराय | ச²ன்னவீராய |
| छिन्नसंशयाय | சி²ன்னஸம்ʼஶயாய |
| छिन्नमस्ताय | சி²ன்னமஸ்தாய |
| छिन्नमस्ताप्रसादकाय | சி²ன்னமஸ்தாப்ரஸாத³காய |
| छिन्नताण्डवसंभूताय | சி²ன்னதாண்ட³வஸம்பூ⁴தாய |
| छिन्नयोगविशारदाय | சி²ன்னயோக³விஶாரதா³ய |
| छ्रींबीजजपतत्पराय | ச்²ரீம்பீ³ஜஜபதத்பராய |
| छलिने | ச²லினே |
| छंवामकर्णभूषणाय – २१५५ | ச²ம்ʼவாமகர்ணபூ⁴ஷணாய – 2155 |
| जकारस्य इन्द्रो देवता | जरामृत्यू विनाशने विनियोगः | | ஜகாரஸ்ய இந்த்³ரோ தே³வதா | ஜராம்ருʼத்யூ வினாஶனே வினியோக³: | |
| जगत्पित्रे नमः | ஜக³த்பித்ரே நம: |
| जगताम्पतये | ஜக³தாம்பதயே |
| जगद्धात्रे | ஜக³த்³தா⁴த்ரே |
| जगतुद्धाराय | ஜக³துத்³தா⁴ராய |
| जगत्प्राणाय नमः – २१६० | ஜக³த்ப்ராணாய நம: – 2160 |
Thursday, February 27, 2014
ஶிவன் 2121_2160
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment