| जगदीशाय नमः | ஜக³தீ³ஶாய நம: | 
| जगतां धात्रे | ஜக³தாம்ʼ தா⁴த்ரே | 
| जगद्गुरवे | ஜக³த்³கு³ரவே | 
| जगतस्तस्थुषस्पतये | ஜக³தஸ்தஸ்து²ஷஸ்பதயே | 
| जगत्संहारकाय | ஜக³த்ஸம்ʼஹாரகாய | 
| जगताधारशरासाय | ஜக³தாதா⁴ரஶராஸாய | 
| जगद्यन्त्रप्रवर्तिने | ஜக³த்³யந்த்ரப்ரவர்தினே | 
| जगन्नाथाय | ஜக³ன்னாதா²ய | 
| जगत्त्रयोशाय | ஜக³த்த்ரயோஶாய | 
| जगद्व्यापिने | ஜக³த்³வ்யாபினே | 
| जगतःप्रभवे | ஜக³த:ப்ரப⁴வே | 
| जगद्बीजाय | ஜக³த்³பீ³ஜாய | 
| जगदुत्पादनप्रवीणनियन्त्रे | ஜக³து³த்பாத³ன ப்ரவீண நியந்த்ரே | 
| जगतामेकजीवनाय | ஜக³தாமேகஜீவனாய | 
| जगत्स्थावरमूर्तये | ஜக³த்ஸ்தா²வரமூர்தயே | 
| जगत्कालाय | ஜக³த்காலாய | 
| जगतांहितकारिणे | ஜக³தாம்ʼஹிதகாரிணே | 
| जगद्विश्रामहेतवे | ஜக³த்³விஶ்ராமஹேதவே | 
| जगतानन्दकराय | ஜக³தானந்த³கராய | 
| जगत्सृष्टिस्थितिलयकारिणे नमः – २१८० | ஜக³த் ஸ்ருʼஷ்டி ஸ்தி²தி லயகாரிணே நம: – 2180 | 
| जगत्कारणाय | ஜக³த்காரணாய | 
| जगदन्तरात्मने | ஜக³த³ந்தராத்மனே | 
| जगतो हेतुभूताय | ஜக³தோ ஹேதுபூ⁴தாய | 
| जगतामेकनाथाय | ஜக³தாமேகனாதா²ய | 
| जगद्बन्धवे | ஜக³த்³ப³ந்த⁴வே | 
| जगतां परिपालकाय | ஜக³தாம்ʼ பரிபாலகாய | 
| जगद्योनये | ஜக³த்³யோனயே | 
| जगद्वन्द्याय | ஜக³த்³வந்த்³யாய | 
| जगत्स्रष्ट्रे | ஜக³த்ஸ்ரஷ்ட்ரே | 
| जगदवनकर्मठशरासाय | ஜக³த³வனகர்மட²ஶராஸாய | 
| जगत्पतये | ஜக³த்பதயே | 
| जगतां शर्मणे | ஜக³தாம்ʼ ஶர்மணே | 
| जगद्गोप्त्रे | ஜக³த்³கோ³ப்த்ரே | 
| जगतां जनकाय | ஜக³தாம்ʼ ஜனகாய | 
| जगद्रूपिने | ஜக³த்³ரூபினே | 
| जगदीशानाय | ஜக³தீ³ஶானாய | 
| जगद्ध्वंसिने | ஜக³த்³த்⁴வம்ʼஸினே | 
| जगन्मूर्तये | ஜக³ன்மூர்தயே | 
| जगद्धेतवे | ஜக³த்³தே⁴தவே | 
| जगन्मयाय नमः – २२०० | ஜக³ன்மயாய நம: – 2200 | 
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