| अक्षरपद प्रदाय | அக்ஷரபத³ ப்ரதா³ய |
| अक्षमालाधराय | அக்ஷமாலாத⁴ராய |
| अक्षोभ्याय | அக்ஷோப்⁴யாய |
| अक्षपाद समर्चिताय नम: - ५८४ | அக்ஷபாத³ ஸமர்சிதாய நம: - 584 |
| आकारस्य पितामहो देवता | आकर्षणार्थे विनियोग: | ஆகாரஸ்ய பிதாமஹோ தே³வதா | ஆகர்ஷணார்தே² வினியோக³: |
| आकाश निर्विकाराय नम: | ஆகாஶ நிர்விகாராய நம: |
| आकाश रूपाय | ஆகாஶ ரூபாய |
| आकाशात्मने | ஆகாஶாத்மனே |
| आकाश दिक्स्वरूपाय | ஆகாஶ தி³க் ஸ்வரூபாய |
| आगमाय | ஆக³மாய |
| आग्नेयाय | ஆக்³னேயாய |
| आगमार्थ विचारपराय | ஆக³மார்த² விசாரபராய |
| आघ्राणाय | ஆக்⁴ராணாய |
| आघूर्णित नयनाय | ஆகூ⁴ர்ணித நயனாய |
| आघट्टित केयूराङ्गदाय | ஆக⁴ட்டித கேயூராங்க³தா³ய |
| आध्युष्टनैज प्रभावाय | ஆத்⁴யுஷ்டனைஜ ப்ரபா⁴வாய |
| आचार्याय | ஆசார்யாய |
| आचान्त सागराय | ஆசாந்த ஸாக³ராய |
| आचारु देहाय | ஆசாரு தே³ஹாய |
| आचित नागाय | ஆசித நாகா³ய |
| आचूर्णित तम:प्रसराय - ६०० | ஆசூர்ணித தம:ப்ரஸராய - 600 |
| आचूषिताज्ञान गहनाय नमः | ஆசூஷிதாஜ்ஞான க³ஹனாய நம: |
| आच्छादित क्रुत्तिवसनाय | ஆச்சா²தி³த க்ருத்தி வஸனாய |
| आच्छिन्नरिपुमदाय | ஆச்சி²ன்னரிபுமதா³ய |
| आच्छेत्रे | ஆச்சே²த்ரே |
| आच्छादनीक्रुत ककुभाय | ஆச்சா²த³னீக்ருத ககுபா⁴ய |
| आजानुबाहवे | ஆஜானுபா³ஹவே |
| आजिस्थाय | ஆஜிஸ்தா²ய |
| आज्ञाधराय | ஆஜ்ஞாத⁴ராய |
| आत्मत्रयशालिने | ஆத்மத்ரயஶாலினே |
| आत्मत्रय संहर्त्रे | ஆத்மத்ரய ஸம்ʼஹர்த்ரே |
| आत्मत्रय पालकाय | ஆத்மத்ரய பாலகாய |
| आत्म सूक्ष्म विग्यानोदयाय | ஆத்ம ஸூக்ஷ்ம விக்³யானோத³யாய |
| आत्माधिपतये | ஆத்மாதி⁴பதயே |
| आत्म मन्त्राय | ஆத்ம மந்த்ராய |
| आत्मतन्त्राय | ஆத்மதந்த்ராய |
| आत्म बोधाय | ஆத்ம போ³தா⁴ய |
| आतार्याय | ஆதார்யாய |
| आतताविने | ஆததாவினே |
| आत्मानन्दाय | ஆத்மானந்தா³ய |
| आत्म रूपिणे -६२० | ஆத்ம ரூபிணே -620 |
Wednesday, January 8, 2014
ஶிவன் - 580 - 620
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