अलक्ष्याय | அலக்ஷ்யாய |
अलेख्य शक्तये | அலேக்²ய ஶக்தயே |
अलुप्तव्य शक्तये | அலுப்தவ்ய ஶக்தயே |
अलंघ्य शासनाय | அலங்க்⁴ய ஶாஸனாய |
अलिङ्गात्मने | அலிங்கா³த்மனே |
अलक्षिताय | அலக்ஷிதாய |
अलुप्त शक्ति नेत्राय | அலுப்த ஶக்தி நேத்ராய |
अलंक्रुताय | அலங்க்ருதாய |
अलुप्त शक्ति धाम्ने | அலுப்த ஶக்தி தா⁴ம்னே |
अव्ययाय | அவ்யயாய |
अवधानाय | அவதா⁴னாய |
अव्यक्ताय | அவ்யக்தாய |
अव्यग्राय | அவ்யக்³ராய |
अविघ्न कारकाय | அவிக்⁴ன காரகாய |
अव्यक्त लक्षणाय | அவ்யக்த லக்ஷணாய |
अविक्रमाय | அவிக்ரமாய |
अवताराय - ४८० | அவதாராய - 480 |
अवशाय | அவஶாய |
अवराय | அவராய |
अवरेशाय | அவரேஶாய |
अव्यक्त लिङ्गाय | அவ்யக்த லிங்கா³ய |
अव्यक्त रूपाय | அவ்யக்த ரூபாய |
अवध्याय | அவத்⁴யாய |
अवस्वन्याय | அவஸ்வன்யாய |
अवर्जाय | அவர்ஜாய |
अवसान्याय | அவஸான்யாய |
अवद्याय | அவத்³யாய |
अवधाय | அவதா⁴ய |
अवार्याय | அவார்யாய |
अविद्यालेश रहिताय | அவித்³யாலேஶ ரஹிதாய |
अवनिभ्रुते | அவனிப்⁴ருதே |
अवधूताय | அவதூ⁴தாய |
अविद्योपाधि रहित निर्गुणाय | அவித்³யோபாதி⁴ ரஹித நிர்கு³ணாய |
अविनाश नेत्रे | அவினாஶ நேத்ரே |
अवलोकनायत्त जगत्कारण ब्रह्मणे | அவலோகனாயத்த ஜக³த்காரண ப்³ரஹ்மணே |
अव्यक्त तमाय | அவ்யக்த தமாய |
अविद्यारये नम: - ५०० | அவித்³யாரயே நம: - 500 |
Sunday, January 5, 2014
ஶிவன் 461 - 500
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