| बिल्ववृक्षसमाश्रयाय नमः | பி³ல்வ வ்ருʼக்ஷ ஸமாஶ்ரயாய நம: |
| बिल्वाय | பி³ல்வாய |
| बिल्मिने | பி³ல்மினே |
| बिल्वमालाधराय | பி³ல்வமாலா த⁴ராய |
| बैल्वाय | பை³ல்வாய |
| बहिर्मुखाय | ப³ஹிர்முகா²ய |
| बहिर्मुखमहादर्पदमनाय | ப³ஹிர்முக² மஹா த³ர்ப த³மனாய |
| बहुश्रुताय | ப³ஹுஶ்ருதாய |
| बहुप्रदाय | ப³ஹுப்ரதா³ய |
| बहुमयाय | ப³ஹுமயாய |
| बहुरूपाय | ப³ஹுரூபாய |
| बहुभूताय | ப³ஹுபூ⁴தாய |
| बहुधराय | ப³ஹுத⁴ராய |
| बहुरूपधृते | ப³ஹு ரூப த்⁴ருʼதே |
| बहुरश्मये | ப³ஹுரஶ்மயே |
| बहुप्रसादाय | ப³ஹுப்ரஸாதா³ய |
| बहुधानिन्दिताय | ப³ஹுதா⁴ நிந்தி³தாய |
| बहुमालाय | ப³ஹுமாலாய |
| बहुलाय | ப³ஹுலாய |
| बहुकर्कशाय नमः – ४६६० | ப³ஹுகர்கஶாய நம: – 4660 |
| बहुरूपिणे नमः | ப³ஹுரூபிணே நம: |
| बहुविध परितोष बाष्पपूरस्फुट पुलकाङ्कित चारु भोग भूमये | ப³ஹுவித⁴ பரிதோஷ பா³ஷ்ப பூரஸ்பு²ட புலகாங்கித சாரு போ⁴க³ பூ⁴மயே |
| बहुनेत्राय | ப³ஹு நேத்ராய |
| बाहुभ्यां | பா³ஹுப்⁴யாம்ʼ |
| बृहस्पतये | ப்³ருʼஹஸ்பதயே |
| बृहस्पत्यवमत्याप्तशक्रभीहारिणे | ப்³ருʼஹஸ்பத்யவ மத்யாப்த ஶக்ர பீ⁴ஹாரிணே |
| बृहद्गर्भाय | ப்³ருʼஹத்³க³ர்பா⁴ய |
| बृहज्ज्योतिषे | ப்³ருʼஹஜ்ஜ்யோதிஷே |
| बृहते | ப்³ருʼஹதே |
| बृहद्रथाय | ப்³ருʼஹத்³ரதா²ய |
| बृहत्कीर्तये | ப்³ருʼஹத்கீர்தயே |
| ब्रह्मात्मकपादाय | ப்³ரஹ்மாத்மக பாதா³ய |
| ब्रह्मात्मकपश्चिमवदनाय | ப்³ரஹ்மாத்மக பஶ்சிம வத³னாய |
| ब्रह्मरूपिणे | ப்³ரஹ்மரூபிணே |
| ब्रह्मचारिणे | ப்³ரஹ்மசாரிணே |
| ब्रह्मदारकाय | ப்³ரஹ்ம தா³ரகாய |
| ब्रह्मात्मने | ப்³ரஹ்மாத்மனே |
| ब्रह्मसदनाय | ப்³ரஹ்மஸத³னாய |
| ब्रह्माण्डभेदनाय | ப்³ரஹ்மாண்ட³ பே⁴த³னாய |
| ब्रह्मज्ञानिने नमः ४६८० | ப்³ரஹ்மஜ்ஞானினே நம: 4680 |
Tuesday, June 3, 2014
ஶிவம் 4641_4680
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