| भागिकुण्डलमण्डिताय नमः | பா⁴கி³ குண்ட³ல மண்டி³தாய நம: |
| भोगभृता वलयवते | போ⁴க³ப்⁴ருʼதா வலயவதே |
| भङ्गुराय | ப⁴ங்கு³ராய |
| भृङ्गिरिटये | ப்⁴ருʼங்கி³ரிடயே |
| भृङ्गिरिटिसेव्यपदाम्बुजाय | ப்⁴ருʼங்கி³ரிடி ஸேவ்ய பதா³ம்பு³ஜாய |
| भूचराय | பூ⁴சராய |
| भजमानाय | ப⁴ஜமானாய |
| भ्राजमानाय | ப்⁴ராஜமானாய |
| भ्राजिष्णवे | ப்⁴ராஜிஷ்ணவே |
| भुजङ्गकण्डलिने | பு⁴ஜங்க³ கண்ட³லினே |
| भुजकेन्द्रलसत्कण्डाय | பு⁴ஜகேந்த்³ர லஸத்கண்டா³ய |
| भुजङ्गाभरणप्रियाय | பு⁴ஜங்கா³ப⁴ரண ப்ரியாய |
| भुजङ्गविलसत्कर्णाय | பு⁴ஜங்க³விலஸத் கர்ணாய |
| भुजङ्गावलयावृताय | பு⁴ஜங்கா³வலயாவ்ருʼதாய |
| भुजङ्गराजविलसत्कङ्कणाय | பு⁴ஜங்க³ராஜ விலஸத்கங்கணாய |
| भुजङ्गहारवलयाय | பு⁴ஜங்க³ஹார வலயாய |
| भुजङ्गहाराय | பு⁴ஜங்க³ஹாராய |
| भुजङ्गवल्लिवलयस्रङ्नद्धजूटाय | பு⁴ஜங்க³வல்லி வலயஸ்ரங்னத்³த⁴ஜூடாய |
| भुजङ्गविभूषणाय | பு⁴ஜங்க³ விபூ⁴ஷணாய |
| भुजगाधिपकङ्कणाय नमः – ४८६० | பு⁴ஜகா³தி⁴ப கங்கணாய நம: – 4860 |
| भुजगलोकपतये नमः | பு⁴ஜக³லோக பதயே நம: |
| भुजगहारमुदन्विताय | பு⁴ஜக³ஹார முத³ந்விதாய |
| भुजगभूषणभूषिताय | பு⁴ஜக³ பூ⁴ஷண பூ⁴ஷிதாய |
| भुजङ्गराजकुण्डलाय | பு⁴ஜங்க³ராஜ குண்ட³லாய |
| भुजङ्गराजमालयानिबद्धजाटजूटकाय | பு⁴ஜங்க³ராஜ மாலயானிப³த்³த⁴ ஜாடஜூடகாய |
| भुजङ्गशिशुवित्रस्तकुरङ्गशिशुमण्डिताय | பு⁴ஜங்க³ஶிஶு வித்ரஸ்த குரங்க ³ஶிஶு மண்டி³தாய |
| भुजभ्रान्तदिगन्ताय | பு⁴ஜப்⁴ராந்த தி³க³ந்தாய |
| भोजनाय | போ⁴ஜனாய |
| भोजयित्रे | போ⁴ஜயித்ரே |
| भोज्याय | போ⁴ஜ்யாய |
| भोजसन्निभाय | போ⁴ஜ ஸன்னிபா⁴ய |
| भज्यमानविपद्द्रुमाय | ப⁴ஜ்யமான விபத்³த்³ருமாய |
| भट्टाराय | ப⁴ட்டாராய |
| भट्टारकाय | ப⁴ட்டாரகாய |
| भण्डासुरविध्वंसनोत्सुकाय | ப⁴ண்டா³ஸுர வித்⁴வம்ʼஸனோத் ஸுகாய |
| भिण्डिवालभुसुण्डीभृते | பி⁴ண்டி³வால பு⁴ஸுண்டீ³ ப்⁴ருʼதே |
| भ्रूणहत्यापातकनाशकाय | ப்⁴ரூணஹத்யா பாதக நாஶகாய |
| भात्रे | பா⁴த்ரே |
| भ्रान्ताय | ப்⁴ராந்தாய |
| भ्रान्तिरहिताय नमः - ४८८० | ப்⁴ராந்திரஹிதாய நம: - 4880 |
Tuesday, June 10, 2014
ஶிவம் 4841_4880
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment