| श्रीङ्कारसुधाब्धिशीतरुचये नमः | ஶ்ரீங்கார ஸுதா⁴ப்³தி⁴ ஶீத ருசயே நம: | 
| श्रीकान्तकान्तनयनार्चितपादपद्माय | ஶ்ரீகாந்த காந்த நயனார்சித பாத³ பத்³மாய | 
| श्रीकालहस्तिलिङ्गाख्याभरणाय | ஶ்ரீகாலஹஸ்தி லிங்கா³க்²யாப⁴ரணாய | 
| शुक्राय | ஶுக்ராய | 
| शुक्ररूपाय | ஶுக்ரரூபாய | 
| शुक्रशोचिषे | ஶுக்ரஶோசிஷே | 
| शुक्रपूज्याय | ஶுக்ரபூஜ்யாய | 
| शुक्रभोगिने | ஶுக்ரபோ⁴கி³னே | 
| शुक्रमदहृते | ஶுக்ரமத³ ஹ்ருʼதே | 
| शुक्रभक्षणतत्पराय | ஶுக்ர ப⁴க்ஷண தத்பராய | 
| शुक्लाय | ஶுக்லாய | 
| शुक्लयज्ञोपवीतिने | ஶுக்ல யஜ்ஞோபவீதினே | 
| शुक्लवस्त्रपरीधानाय | ஶுக்லவஸ்த்ர பரீதா⁴னாய | 
| शुक्लमाल्याम्बरधराय | ஶுக்ல மால்யாம்ப³ர த⁴ராய | 
| शुक्लज्योतिषे | ஶுக்ல ஜ்யோதிஷே | 
| शुक्लभस्मावलिप्ताय | ஶுக்ல ப⁴ஸ்மாவலிப்தாய | 
| शुक्लांबरधराय | ஶுக்லாம்ப³ர த⁴ராய | 
| शुक्लकर्मरताय | ஶுக்ல கர்ம ரதாய | 
| शुक्लतनवे | ஶுக்லதனவே | 
| शूकाराय नमः -८०६० | ஶூகாராய நம: -8060 | 
| शूकृताय नमः | ஶூக்ருʼதாய நம: | 
| श्लोक्याय | ஶ்லோக்யாய | 
| श्लोकाय | ஶ்லோகாய | 
| शोकहराय | ஶோகஹராய | 
| शोकघ्ने | ஶோகக்⁴னே | 
| शोकनाशनाय | ஶோக நாஶனாய | 
| शंकराय | ஶங்கராய | 
| शंकानिरोधकाय | ஶங்காநிரோத⁴காய | 
| शंकुकर्णाय | ஶங்குகர்ணாய | 
| शिखावते | ஶிகா²வதே | 
| शिखाग्रनिलयाय | ஶிகா²க்³ர நிலயாய | 
| शिखिने | ஶிகி²னே | 
| शिखण्डिने | ஶிக²ண்டி³னே | 
| शिखिवाहनजन्मभुवे | ஶிகி²வாஹன ஜன்மபு⁴வே | 
| शिखरिकेतनाय | ஶிக²ரிகேதனாய | 
| शिखरीश्वराय | ஶிக²ரீஶ்வராய | 
| शिखरीन्द्रधनुःशोभिकरब्जाय | ஶிக²ரீந்த்³ர த⁴னு:ஶோபி⁴கரப்³ஜாய | 
| शिकण्डिवाहनोदीर्णवात्सल्याय | ஶிகண்டி³ வாஹனோதீ³ர்ண வாத்ஸல்யாய | 
| शिखराय | ஶிக²ராய | 
| शिखिसारथये नमः ८०८० | ஶிகி²ஸாரத²யே நம: 8080 | 
Tuesday, October 7, 2014
ஶிவம் - 8041_8080
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment