| यशोवते नमः | யஶோவதே நம: |
| यशोनिधये | யஶோநித⁴யே |
| यशोधराय | யஶோத⁴ராய |
| यशोयुताय | யஶோயுதாய |
| यशस्कराय | யஶஸ்கராய |
| यशस्यनीतये | யஶஸ்ய நீதயே |
| यशस्य भुक्ति मुक्त्येक कारणाय | யஶஸ்ய பு⁴க்தி முக்த்யேக காரணாய |
| यश्शब्दस्येति मन्त्रोक्तदैवताय | யஶ்ஶப்³த³ஸ்யேதி மந்த்ரோக்த தை³வதாய |
| यष्टिधराय | யஷ்டித⁴ராய |
| यष्ट्रे | யஷ்ட்ரே |
| याक्षरवामपादाय | யாக்ஷர வாமபாதா³ய |
| यष्टृफलदाय | யஷ்ட்ருʼப²லதா³ய |
| योषापूजनप्रियाय | யோஷா பூஜனப்ரியாய |
| योषित्प्रियाय | யோஷித்ப்ரியாய |
| योषित्करतलस्पर्शप्रभावज्ञाय | யோஷித் கரதல ஸ்பர்ஶ ப்ரபா⁴வஜ்ஞாய |
| योषार्धीकृतविग्रहाय | யோஷார்தீ⁴ க்ருʼத விக்³ரஹாய |
| योषित्सङ्ग विवर्जिताय | யோஷித்ஸங்க³ விவர்ஜிதாய |
| यस्मै | யஸ்மை |
| यस्मै नमः श्रुतिप्रोक्तानमस्याय | யஸ்மை நம: ஶ்ருதி ப்ரோக்தா நமஸ்யாய |
| यक्षेशाय नमः – ६२६० | யக்ஷேஶாய நம: – 6260 |
| यक्षेश्वराय नमः | யக்ஷேஶ்வராய நம: |
| यक्षेशसखाय | யக்ஷேஶஸகா²ய |
| यक्षाय | யக்ஷாய |
| यक्षरक्षाकराय | யக்ஷரக்ஷாகராய |
| यक्षरूपाय | யக்ஷரூபாய |
| यक्षकिन्नरसेविताय | யக்ஷ கின்னர ஸேவிதாய |
| यक्षप्रियाय | யக்ஷப்ரியாய |
| यक्षनायकदुष्प्रापवरदाय | யக்ஷ நாயக து³ஷ்ப்ராபவரதா³ய |
| यक्षराज सखाय | யக்ஷராஜ ஸகா²ய |
| यक्षपूजिताय | யக்ஷ பூஜிதாய |
| यक्षराक्षससंसेव्याय | யக்ஷ ராக்ஷஸ ஸம்ʼஸேவ்யாய |
| यक्षाणां पतये | யக்ஷாணாம்ʼ பதயே |
| यक्षसेव्याय | யக்ஷஸேவ்யாய |
| यक्षगानप्रियाय | யக்ஷகா³ன ப்ரியாய |
| यक्षकन्याहृदिस्थाय | யக்ஷகன்யா ஹ்ருʼதி³ஸ்தா²ய |
| यक्षभोगप्रदायिने | யக்ஷபோ⁴க³ ப்ரதா³யினே |
| यक्षकिन्नरगन्धर्वैः सेविताय | யக்ஷ கின்னர க³ந்த⁴ர்வை: ஸேவிதாய |
| यक्षेशेष्टाय | யக்ஷேஶேஷ்டாய |
| यक्ष स्वरूपाय | யக்ஷ ஸ்வரூபாய |
| यक्षार्चिताय नमः – ६२८० | யக்ஷார்சிதாய நம: – 6280 |
Tuesday, August 5, 2014
ஶிவம் - 6241_6280
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