| रत्नकाञ्चनभूषणाय नमः | ரத்ன காஞ்சன பூ⁴ஷணாய நம: |
| रत्नमण्डपमध्यस्थाय | ரத்னமண்ட³ப மத்⁴யஸ்தா²ய |
| रत्नग्रैवेयकुण्डलाय | ரத்ன க்³ரைவேய குண்ட³லாய |
| रत्नडोलोत्सवप्रियाय | ரத்ன டோ³லோத்ஸவ ப்ரியாய |
| रत्नपूजनसंतुष्टाय | ரத்ன பூஜன ஸந்துஷ்டாய |
| रत्नसानुशरासनाय | ரத்னஸானுஶராஸனாய |
| रत्नसानुनिधये | ரத்னஸானு நித⁴யே |
| रत्नसंदोहमञ्जीरक्कणत्पदसरोरुहाय | ரத்னஸந்தோ³ஹ மஞ்ஜீரக்கணத்பத³ ஸரோருஹாய |
| रत्नसानुकङ्कणशोभाढ्याय | ரத்னஸானு கங்கண ஶோபா⁴ட்⁴யாய |
| रत्नकङ्कणाय | ரத்னகங்கணாய |
| रत्नसिंहासनाश्रयाय | ரத்ன ஸிம்ʼஹாஸனாஶ்ரயாய |
| रत्नसिंहासनस्थिताय | ரத்ன ஸிம்ʼஹாஸன ஸ்தி²தாய |
| रत्नभ्राजद्धेमसूत्राय | ரத்ன ப்⁴ராஜத்³தே⁴ம ஸூத்ராய |
| रत्नहारिणे | ரத்னஹாரிணே |
| रत्नमौलये | ரத்னமௌலயே |
| रत्नकिरीटवते | ரத்ன கிரீடவதே |
| रत्नमालिने | ரத்னமாலினே |
| रत्नेशाय | ரத்னேஶாய |
| रत्नरोचिषे | ரத்னரோசிஷே |
| रत्ननाभाय नमः – ६४२० | ரத்னநாபா⁴ய நம: – 6420 |
| रत्नभ्राजत्कटिसूत्राय नमः | ரத்னப்⁴ராஜத் கடிஸூத்ராய நம: |
| रत्ननिर्मितकङ्कणाय | ரத்ன நிர்மித கங்கணாய |
| रत्नकुण्डलदीप्तास्ताय | ரத்னகுண்ட³ல தீ³ப்தாஸ்தாய |
| रत्नकुण्डलमण्डिताय | ரத்னகுண்ட³ல மண்டி³தாய |
| रत्नग्रैवेयभूषणाय | ரத்னக்³ரைவேய பூ⁴ஷணாய |
| रत्नगर्भाय | ரத்ன க³ர்பா⁴ய |
| रत्नगर्भाश्रयाय | ரத்ன க³ர்பா⁴ஶ்ரயாய |
| रत्नमौक्तिकवैडूर्यकिरीटाय | ரத்ன மௌக்திக வைடூ³ர்ய கிரீடாய |
| रत्ननिर्मलविग्रहाय | ரத்ன நிர்மல விக்³ரஹாய |
| रत्नाकराय | ரத்னாகராய |
| रत्नानां प्रभवे | ரத்னானாம்ʼ ப்ரப⁴வே |
| रत्नाङ्गदाङ्गाय | ரத்னாங்க³தா³ங்கா³ய |
| रत्नांगुलियविलसत्करशाखानखप्रभाय | ரத்னாங்கு³லிய விலஸத்கர ஶாகா²நக²ப்ரபா⁴ய |
| रत्नांगुलीयवलयाय | ரத்னாங்கு³லீய வலயாய |
| रत्नाभिषेकसंतुष्टाय | ரத்னாபி⁴ஷேக ஸந்துஷ்டாய |
| रत्नाकरप्रियाय | ரத்னாகர ப்ரியாய |
| रत्नाकरस्तुताय | ரத்னாகர ஸ்துதாய |
| रत्नाद्याय | ரத்னாத்³யாய |
| रत्नाभरणसंभृताय | ரத்னாப⁴ரண ஸம்ப்⁴ருʼதாய |
| रत्नालाङ्कृतसर्वाङ्गिणे नमः – ६४४० | ரத்னாலங்க்ருʼத ஸர்வாங்கி³ணே நம: – 6440 |
Monday, August 11, 2014
ஶிவம் - 6401_6440
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment