| सर्वकर्मफलप्रताय नमः | ஸர்வகர்ம ப²லப்ரதாய நம: |
| सर्वकर्मविवर्जिताय | ஸர்வகர்ம விவர்ஜிதாய |
| सर्वविघ्रान्तकाय | ஸர்வ விக்⁴ராந்தகாய |
| सर्वगर्वजिते | ஸர்வக³ர்வஜிதே |
| सर्वमंत्रफलप्रदाय | ஸர்வமந்த்ர ப²லப்ரதா³ய |
| सर्वदुःखघ्ने | ஸர்வது³:க²க்⁴னே |
| सर्वदुःखविमोचकाय | ஸர்வது³:க² விமோசகாய |
| सर्वदुःखातिगाकाय | ஸர்வது³:கா²தி³காய |
| सर्वज्ञशक्तये | ஸர்வஜ்ஞ ஶக்தயே |
| सर्वज्ञानप्रबोधिने | ஸர்வஜ்ஞான ப்ரபோ³தி⁴னே |
| सर्वतीर्थस्थिताय | ஸர்வதீர்த²ஸ்தி²தாய |
| सर्वपर्वतवासिने | ஸர்வ பர்வத வாஸினே |
| सर्वशास्त्रस्वरूपिने | ஸர்வஶாஸ்த்ர ஸ்வரூபினே |
| सर्वभूतप्रभंजनाय | ஸர்வபூ⁴த ப்ரப⁴ஞ்ஜனாய |
| सर्ववर्णाय | ஸர்வவர்ணாய |
| सर्वमायाप्रभंजनाय | ஸர்வமாயா ப்ரப⁴ஞ்ஜனாய |
| सर्वसंपत्तिजनकाय | ஸர்வஸம்பத்திஜனகாய |
| सर्वभर्त्रे | ஸர்வப⁴ர்த்ரே |
| सर्वतन्त्रप्रसूतये | ஸர்வதந்த்ரப்ரஸூதயே |
| सर्वव्याधिचिकित्सकाय नमः --९५०० | ஸர்வவ்யாதி⁴சிகித்ஸகாய நம: --9500 |
| सर्वज्ञानसंपन्नाय नमः | ஸர்வஜ்ஞான ஸம்பன்னாய நம: |
| सर्वपापप्रभंजकाय | ஸர்வபாப ப்ரப⁴ஞ்ஜகாய |
| सर्वपावनाय | ஸர்வபாவனாய |
| सर्वदारिघ्नशमनाय | ஸர்வதா³ரிக்⁴ன ஶமனாய |
| सर्वतोभद्रवासिने | ஸர்வதோப⁴த்³ர வாஸினே |
| सर्वशास्त्रार्थवादिने | ஸர்வ ஶாஸ்த்ரார்த²வாதி³னே |
| सर्वशास्रार्थप्रदर्शकाय | ஸர்வஶாஸ்ரார்த² ப்ரத³ர்ஶகாய |
| सर्वसत्यदर्शिने | ஸர்வஸத்ய த³ர்ஶினே |
| सर्वदर्शिने | ஸர்வத³ர்ஶினே |
| सर्वप्रत्ययसाधकाय | ஸர்வப்ரத்யய ஸாத⁴காய |
| सर्वप्रमाणसंपत्तये | ஸர்வப்ரமாண ஸம்பத்தயே |
| सर्वमङ्गलाय | ஸர்வமங்க³லாய |
| सर्वमंगलमांगल्याय | ஸர்வமங்க³லமாங்க³ல்யாய |
| सर्वमंगलसंपन्नाय | ஸர்வமங்க³ல ஸம்பன்னாய |
| सर्वमांगल्यदायिने | ஸர்வமாங்க³ல்ய தா³யினே |
| सर्वसांकर्यदोषघ्ने | ஸர்வஸாங்கர்யதோ³ஷக்⁴னே |
| सर्वयोगप्रदायिने | ஸர்வயோக³ ப்ரதா³யினே |
| सर्वचैतन्यरूपिने | ஸர்வ சைதன்யரூபினே |
| सर्वहृत्सन्निविष्टाय | ஸர்வஹ்ருʼத் ஸன்னிவிஷ்டாய |
| सर्वसिद्धिप्रदाय नमः --९५२० | ஸர்வஸித்³தி⁴ப்ரதா³ய நம: --9520 |
Thursday, December 4, 2014
ஶிவம் - 9481_9520
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