| दक्षयज्ञप्रभञ्चकाय नमः | த³க்ஷ யஜ்ஞ ப்ரப⁴ஞ்சகாய நம: |
| दक्षाध्वरविनाशकाय | த³க்ஷாத்⁴ விநாஶகாய |
| दक्षाराध्याय | த³க்ஷாராத்⁴யாய |
| दक्षयज्ञविनाशकाय | த³க்ஷ யஜ்ஞ விநாஶகாய |
| दक्षिणाय | த³க்ஷிணாய |
| दक्षादक्षसमर्चिताय | த³க்ஷாத³க்ஷ ஸமர்சிதாய |
| दक्षिणावभृथाय | த³க்ஷிணாவப்⁴ருʼதா²ய |
| दक्षिणामूर्तये | த³க்ஷிணாமூர்தயே |
| दक्षिणाकराय | த³க்ஷிணாகராய |
| दक्षिणे | த³க்ஷிணே |
| दक्षिणाराध्याय | த³க்ஷிணாராத்⁴யாய |
| दक्षिणप्रेमसंतुष्टाय | த³க்ஷிண ப்ரேம ஸந்துஷ்டாய |
| दक्षिणावरदाय | த³க்ஷிணா வரதா³ய |
| दक्षिणामूर्तिरूपध्रुते | த³க்ஷிணாமூர்தி ரூப த்⁴ருதே |
| दाक्षिण्यशीलाय | தா³க்ஷிண்யஶீலாய |
| दाक्षायणीसमाराध्याय | தா³க்ஷாயணீ ஸமாராத்⁴யாய |
| दीक्षाशालिने | தீ³க்ஷாஶாலினே |
| दीक्षारये | தீ³க்ஷாரயே |
| दीक्षिताय | தீ³க்ஷிதாய |
| दीक्षिताभीष्टदाय नमः – ३१४० | தீ³க்ஷிதாபீ⁴ஷ்டதா³ய நம: – 3140 |
| धकारस्य दन्वन्तरि देवता | विषज्वर विनाशने विनियोगः| | த⁴காரஸ்ய த³ன்வந்தரி தே³வதா | விஷ ஜ்வர வினாஶனே வினியோக³:| |
| ध्वजिने नमः | த்⁴வஜினே நம: |
| ध्वजिनीपतये | த்⁴வஜினீபதயே |
| धृतिमते | த்⁴ருʼதிமதே |
| धात्रे | தா⁴த்ரே |
| धात्रीशाय | தா⁴த்ரீஶாய |
| धातुमण्डिताय | தா⁴துமண்டி³தாய |
| धात्रीपतये | தா⁴த்ரீபதயே |
| धितिकृते | தி⁴திக்ருʼதே |
| धन्देशाय | த⁴ந்தே³ஶாய |
| धनदाय | த⁴னதா³ய |
| धनाधिपाय | த⁴னாதி⁴பாய |
| धनदाध्यक्षाय | த⁴னதா³த்⁴யக்ஷாய |
| धनकृते | த⁴னக்ருʼதே |
| धनधान्यसमृद्धिताय | த⁴னதா⁴ன்யஸம்ருʼத்³தி⁴தாய |
| धनुर्वेदाय | த⁴னுர்வேதா³ய |
| धन्विने | த⁴ன்வினே |
| धन्याय | த⁴ன்யாய |
| धनुषे | த⁴னுஷே |
| धनाध्यक्षाय | த⁴னாத்⁴யக்ஷாய |
| धनञ्जयाय नमः | த⁴னஞ்ஜயாய நம: |
Thursday, April 3, 2014
ஶிவம் 3121_3160
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